प्रयागराज, उत्तर प्रदेश प्रयागराज में चल रहे महा कुंभ के दौरान भगदड़ मच जाती है और भगदड़ में कुछ लोग घायल हो जाते हैं कुछ की मौत हो जाती है जैसे ही यह सूचना प्रसारित होती है उसके बाद चाहे सोशल मीडिया का अलग-अलग प्लेटफार्म हो टीवी हो अखबार हो हर जगह इसी बात की चर्चा शुरू हो जाती है दरअसल जो रिपोर्टर वहां पर रिपोर्टिंग कर रहे थे उन रिपोर्टर पर यह दबाव भी बढ़ने लगता है कि आखिरकार वहां पर हुआ क्या है यह जानने के बाद वह अपने दर्शकों को और अपने संस्थान को यह पूरी जानकारी दे सकें ऐसे ही पत्रकारों ने जब ये जानकारी जुटाने की कोशिश की तो अलग-अलग पुलिस ने उन्हें रोकने की कोशिश की ताकि जो अंदर की चीज़ें हैं वह कम से कम उच्च अधिकारियों के आदेश के बाद बाहर निकालनी चाहिए
ऐसे ही एक पत्रकार होती हैं जिनका नाम सृष्टि मिश्रा होता है सृष्टि मिश्रा यह जानने की कोशिश कर रही थीं कि आखिरकार क्या मामला है क्या हुआ है और कितने लोगों की संख्या इसमें मरने वालों की हो चुकी है तभी जैसे ही वह यह जानने की कोशिश करने के लिए मोती लाल नेहरू मेडिकल कॉलेज की तरफ बढ़ रही थीं तभी कुछ पुलिस वालों की नजर पड़ जाती है उनके आई कार्ड पर आई कार्ड को देखने के बाद उनसे कहा जाता है आप पत्रकार हैं वह कहती हैं जी पत्रकार हैं आप आगे नहीं जा सकते आगे सिर्फ वो जा सकते हैं जिनके परिवार के लोग अंदर घायल हैं या फिर मरे हुए हैं
जैसे ही पत्रकार यह बात सुनती हैं अब पत्रकार करें तो क्या करें तभी पत्रकार की नजर पड़ जाती है कुछ ऐसे लोगों पर जो अपनों को तलाश कर रहे थे कोई रो रहा था कोई बिलख रहा था कोई कुछ एक दूसरे से बातचीत कर रहा था इसी भीड़ का हिस्सा बनकर सृष्टि मिश्रा सीधा अंदर पहुंच जाती हैं और मेडिकल कॉलेज के उन तीन कमरों का वह रुख कर देती हैं जिन तीन कमरों के अलग-अलग हिस्सों में लाशों के ढेर लगे हुए थे… पूरी कहानी जानने के लिए नीचे वीडियो पर क्लिक करें