कठियावाड़, गुजरात एक बार बड़ोदरा के राजा के जो मुख्य द्वार होता है महल का उस महल पर ड्यूटी देने वाला संत्री को एक व्यक्ति चिट्ठी देकर जाता है और चिट्ठी देते हुए कहता है कि इस चिट्ठी को आप राजा साहब के पास पहुंचा देना। राजा साहब होते हैं गायकवाड उनके पास चिट्ठी पहुंचाई जाती है उस चिट्ठी को सार्वजनिक रूप से सुनाया जाता है जब दरबार चल रहा था और उसमें चिट्ठी को सुनाया जाता है तो सब के सब लोग हैरान हो जाते हैं
दरअसल हैरान करने वाली बात यह थी कि इस चिट्ठी में साफ-साफ लिखा हुआ था कि आप के दरबार में जितने भी बूढ़े लोग काम कर रहे हैं जितने भी ऐसे लोग हैं जो काम करने में सक्षम नहीं है उन सब को सेवा मुक्त कर दीजिए और सेवा मुक्त करने के साथ-साथ उनको पांच पांच बीघा जमीन देनी है और पैसे देने हैं दौलत देनी है जिससे कि वह अपने नया काम शुरू कर सकें जब यह काम आप करो तो पूरे शहर में डंका बजवाना और कहना कि हमने यह काम कर दिया है यह काम नहीं किया तो गायकवाड जो राजा हैं उनको उनके परिवार के एक-एक सदस्य को मार दिया जाएगा।
जब यह छुट्टी पड़ी जा रही थी पढ़ते-पढ़ते उसका नाम भी पढ़ा गया तो पूरे महल के अंदर चर्चा का विषय बन जाता है कि आखिरकार किसी इंसान में इतनी हिम्मत कैसे हो सकती है जो राजा साहब को मारने की धमकी दे रहा है उसके बारे में जब पता लगाया जाता है तो सब के सब लोग देखकर सुनकर उसके बारे में बातें करना शुरू कर देते हैं और आश्चर्यचकित हो जाते हैं कि इतना कम उम्र का व्यक्ति इतनी कम उम्र का लड़का है यह ऐसा काम कैसे कर सकता है… पूरी कहानी जानने के लिए नीचे वीडियो पर क्लिक करें