बनारस, उत्तर प्रदेश ये बात साल 1997 की है गर्मियों के वो दिन चल रहे थे घर के अंदर छह सदस्य होते हैं चार सदस्य घर के अंदर सो रहे थे और दो सदस्य ऐसे होते हैं जो छत पर सो रहे थे रात का समय था अचानक से गोलियां चलना शुरू हो जाती है घर के अंदर एक सात साल का बालक होता है जो अपनी आँखों से इस दृशय को देख रहा था कातिल लगातार गोलियां चला रहा था सात गोली उसकी माँ को मरी जाती हैं और उसके पिता को जब गोली मारी जा रही थी तो उसकी कोई गिनती नहीं थी गिनती वो इसलिए भूल जाता है क्यूंकि क़ातिल जब लगातार गोलियां चला रहा था तो उसके पिता के सर का जो मॉस का हिस्सा था 7 साल के बालक के चेहरे पर जा कर गिर जाता है हलाकि बालक वो छिपा हुआ था और कातिल की उसपर नज़र नहीं पढ़ती है
कातिल ने उसके छोटे भाई जिसकी उम्र लगभग ढाई साल के आस पास होती है उसको दो गोलियां मारी थी लेकिन क़िस्मत उस बालक की अच्छी थी वो बच जाता है और कातिल छत तक पहुँच नहीं पाता लेकिन कुछ समय बीत जाने के बाद उसने दो क़त्ल और किये थे यानि की उस बालक के डाटा का भी क़त्ल कर दिया था है और दादा की सुरक्षा में लगा जो गार्ड होता है उसका भी क़त्ल हो जाता है और इस कहानी को 27 साल का समय बीत जाता है 27 साल के बाद उस बालक को याद आता है कि उसके पिता माँ और दादा की हत्या की गई थी उनके कातिल से बदला लेना है… पूरी कहानी जानने के लिए नीचे वीडियो पर क्लिक करें