हैदराबाद, तेलंगाना कर्नाटक प्रदेश और तमिलनाडु प्रदेश ने एक साथ मिलकर एक ऐसे डकैत को पकड़ने के लिए योजना बनाई क्योंकि वह चंदन की तस्करी करता था और हाथियों का शिकार किया करता था इसके पकड़ने के लिए लगभग 100 करोड़ रुपए से ज्यादा की रकम खर्च हो जाती है लेकिन 36 सालों तक उसका जंगलों पर राज चलता रहता है
वो पकड़ा ही नहीं जाता हलाकि तमाम कोशिश की जाती है और वह कोशिश लगातार नाकाम हो रही थी वीरप्पन को पकड़ने के लिए उस पर इनाम भी रखा था कि कोई जिंदा या मुर्दा अगर वीरप्पन को पकड़ कर लेकर आएगा तो उसे 5 करोड़ रुपए का इनाम भी दिया जाएगा लेकिन किसी की हिम्मत ही नहीं होती थी वहां तक पहुंचाने के लिए क्योंकि उसने 184 लोगों की हत्या की थी साथ ही 2000 से ज्यादा हाथियों का शिकार किया था हाथियों के जो दांत होते हैं उसकी तस्करी की थी और उससे लगभग 16 करोड रुपए उसने कमाए थे
चन्दन की लकड़ी की तस्करी करने के बाद उसने लगभग 143 करोड रुपए के आसपास कमाए थे इस तरह की बातें थी हालांकि 18 अक्टूबर 2004 को पुलिस की मुठभेड़ में जब वह बीमार होता है अपना इलाज कराने के लिए जा रहा था उसे एंबुलेंस की जरूरत थी और पुलिस ने पहले से ही जाल बिछाया हुआ था और उसे जाकर एंबुलेंस में जाकर बैठ जाता है पता चलता है कि एसटीएफ का एक अधिकारी एंबुलेंस को चल रहा था और एक स्थान पर जाकर रोक देता है 22 से ज्यादा पुलिस वालों ने उस पर जब गोलियां चलाई हैं तो… पूरी कहानी जानने के लिए नीचे वीडियो पर क्लिक करें