Connect with us

Society

जब एक कोठे पर भाई को मिल जाती है अपनी ही सगी बहन! आगे जानें

Published

on

बेगूसराय, बिहार
दो दोस्त आपस में बातचीत करते हैं बातचीत करने के बाद कोठे पर जाते हैं कोठे पर जाने के बाद उनका मकसद था कि किसी लड़की के साथ या किसी वेश्या के साथ वह वक्त बिताएं इसके लिए वह उसके दलाल के पास जाते हैं और दलाल से जाकर बात करते हैं कि कोई लड़की की व्यवस्था हो तो हमें लड़की चाहिए

जैसे ही दलाल ने यह बात सुनी दलाल ने कहा कि इसके लिए पैसे लगेंगे अगर तुम्हारे पास पैसे हैं तो मैं लड़की से तुम्हारी मुलाकात करा सकता हूं यानी कि एक लड़का जिसका नाम होता है मनोज उसका एक दोस्त होता है दोस्त जो था मनोज का वह फेरी लगाकर अपना काम करता था अब इसी तरह से दोनों जाते हैं दलाल को पैसे देते हैं और पैसे दिए जाते हैं 200-200 रूपए

अब उसके बाद उन्हें लड़कियां दिखाई जाती हैं लड़कियां थी दो और दो ही दोस्त थे जब उनके पास पहुंचते हैं तो मनोज ने एक लड़की को चुना और चुनने के बाद उसके साथ कमरे में अंदर चला जाता है और जैसे ही कमरे में अंदर जाता है तो वह उस लड़की के साथ 5 मिनट तक वक्त बिताता है और वहां से फिर वापस चला आता है

जिस लड़की के साथ उसने वक्त बिताया था दरअसल वह उसकी अपनी सगी बहन थी जो की 3 साल पहले अचानक घर से लापता हो गई थी जिसको ढूंढने के लिए वह न जाने कितने कोठो पर कितनी जगह पर गया हुआ था लेकिन उसको उसकी बहन नहीं मिल रही थी

लेकिन बहन जिस रूप में मिलती है जिस जगह जैसे मिलती है वह बात वाकई अपने आप में बड़ी दिलचस्प है जिसको सुनने के बाद शायद आप लोग भी सोचने पर मजबूर हो जाएंगे… पूरी कहानी जानने के लिए नीचे वीडियो पर क्लिक करें