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जब एक पढ़ी-लिखी लड़की पत्रकार बनने के लिए जाती है | Sudhir Chaudhary and Uma Khurana

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दरियागंज, दिल्ली
कहते हैं कि बुराई की जो रफ्तार होती है वह बहुत तेज होती है और जितनी तेजी के साथ फैलती है उतनी ही तेजी के साथ शांति हो जाती है लेकिन अच्छाई की जो रफ्तार होती है भले ही धीमी हो लेकिन उसकी जो गूंज होती है वह दूर दूर तक फैलती है इसका असर भी बहुत देर तक रहता है आज की सच्ची घटना में भी कुछ ऐसा ही होता है एक लड़की ने अपनी पढ़ाई पूरी की और पढ़ाई पूरी करने के बाद एक पत्रकार बनना चाहती थी देश की जानी-मानी पत्रकार।

एक न्यूज़ चैनल के सीनियर रिपोर्टर के पास जाती है और जाकर कहती है सर मुझे पत्रकार बनना है सीनियर रिपोर्टर कहता है ठीक है आप पत्रकार बन सकती हैं लेकिन आपको एक एक्टिंग करनी पड़ेगी आपको एक डेमो देना पड़ेगा।

यदि आप की डेमो एक्टिंग अच्छी रही तो फिर हम आगे की सोचेंगे। यहां पर एक व्यक्ति की जिंदगी को बर्बाद करके वह अपने सुनहरे भविष्य की कामना कर रही थी जैसा उस पत्रकार ने चाहा जैसा उस लड़की ने चाहा हो तो बिल्कुल वैसे ही रहा था लेकिन जो होता है जब सच्चाई लोगों के सामने आती है थोड़ी देर से ही सही वह सच्चाई वाकई बहुत भयानक थी सुनने के बाद लोग हैरान थे परेशान थे कोई अपना भविष्य बनाने के लिए आखिरकार ऐसा कदम कैसे उठा सकता है… पूरी कहानी जानने के लिए नीचे वीडियो पर क्लिक करें

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