कोलकाता, वेस्ट बंगाल चाय की दुकान चलाने वाला एक दंपत्ति का बेटा अक्सर पढ़ाई करता रहता था जब-जब उसकी दुकान पर कोई ग्राहक आता था तो ग्राहक उस बेटे को पढ़ते हुए देखकर कहता था कि तुम्हारा बेटा बड़े होकर नाम रोशन करेगा जरूर एक ना एक दिन कुछ बनेगा ठीक वैसे ही होता है वह मेहनत से पढ़ रहा था और पढ़ते-पढ़ते उसने एक एग्जाम ट्रैक किया एग्जाम क्वालीफाई करने के बाद रेलवे में सब इंस्पेक्टर बन जाता है जीआरपी में जब इसको पोस्ट मिलती है पूरी ईमानदारी से अपने काम को अंजाम दे रहा था बड़ा हो रहा था इसलिए परिवार की जिम्मेदारी थी उसकी शादी करना।
शादी को लेकर बहुत खुश था खरीदारी कर रहा था सब से कहता था कि मेरी शादी है तुम्हें आना है इससे पहले कि उसकी शादी होती 1 दिन रेलवे के ट्रैक पर उसकी लाश पड़ी हुई थी जो भी लोग उसकी लाश देख रहे थे देख कर हैरान थे कि इसके साथ ऐसा कैसे हुआ दरअसल उसकी गर्दन धड़ से अलग थी हाथ टूटा हुआ था शरीर पर चोट के ऐसी जगह निशान थे जहां होनी भी नहीं चाहिए साथ ही उसकी आंखें एक निकली हुई थी तो कुछ अलग पड़ी हुई थी और शरीर पर चोट के निशान थे जिन्हें देखकर लग रहा था इसके साथ किसी ने बहुत ज्यादा मारपीट की है।
इससे पहले कि उसकी लाश पोस्टमार्टम तक पहुंचती, पोस्टमार्टम की रिपोर्ट आती है लेकिन पुलिस ने पहले ही बोल दिया इसने अपनी जान दी है ट्रैक के आगे कूदकर और इसने खुद की जान ली है
बात लोगों को पच नहीं रही थी तभी लोगों को याद आता है लगभग डेढ़ साल पहले इसने अपनी आंखों से कुछ होते हुए देखा था कुछ देखा था शायद उस बात को यह झूठ लाने की कोशिश करता तो आज जिंदा होता और मां बाप का सपना था बुढ़ापे का सहारा था तो शायद वह हमेशा हमेशा अपने मां-बाप के साथ होता लेकिन उसने इमानदारी से ही पढ़ाई की थी बल्कि ईमानदारी से अपनी ड्यूटी को अंजाम दे रहा था… पूरी कहानी जानने के लिए नीचे वीडियो पर क्लिक करें