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Crime

एक छोटा बच्चा जो घर के बाहर खेलने जाता है लेकिन वापस नहीं आता

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अंबेडकरनगर, उत्तर प्रदेश
भले ही हम 21वीं सदी के इस दौर में जी रहे हैं भले ही हम बड़ी-बड़ी बातें करते हैं लेकिन आज भी ग्रामीण परिवेश में अगर देखें तो ना जाने कितनी बहन बेटियां हैं जो महज छोटी-छोटी बातों के लिए शोषण सहन कर रही है आज की जो सच्ची घटना हम आपको सुनाने जा रहे हैं इस सच्ची घटना में ना केवल रिश्ते तार-तार होते हैं बल्कि गरीबी का कुछ इस तरह से मजाक बनाया जा रहा था छोटी सी चीज फ्री देने के बाद उसका लगातार लंबे समय से शोषण हो रहा था वक्त था उसकी आजादी का वक्त था उसको अब इस जिंदगी से कहीं ना कहीं छुटकारा मिलने का।

लेकिन वह जिंदगी उसकी जिंदगी में आते ही पता चलता है कि एक इतना भयानक मर्डर होता है इतना भयानक कत्ल होता है जिसको सुनने के बाद आप की भी रूह कांप जाएगी आप भी सोचने पर मजबूर हो जाएंगे कि जिसने जिसको सबसे ज्यादा प्यार किया हो जिस पर सबसे ज्यादा विश्वास किया हो वह व्यक्ति आखिरकार ऐसा कदम कैसे उठा सकता है

आज की जो सच्ची घटना हम आपको सुनाने जा रहे हैं यह सच्ची घटना है उत्तर प्रदेश का एक जिला है अंबेडकरनगर उसी का थाना लगता है भीटी। भीटी का गांव है उमरावां और इसी का एक छोटा सा माजरा है झंका।

बात कर रहा हूं 31 मार्च 1997 की इस घर में 4 लोग रहते हैं माता-पिता और दो बेटे। एक बेटा 13 साल का है जिसका नाम है माता प्रसाद उर्फ मततू, दूसरा स्वामी शरण जिसकी उम्र 15 साल है, मां 45 साल की है और बाप हौसला प्रसाद वर्मा 50 साल के आसपास है। हौसला प्रसाद वर्मा अपने छोटे वाले बेटे से कहता है बेटा शाम के 4:00 बज चुके हैं मुझे छोटे लाल की बेटी को लेकर पड़ोसी गांव में जाना है उसको इलाज कराने के लिए उस पर जादू टोना किसी ने कर दिया है कहीं ऐसा ना हो कि वो मर जाए मुझे इसका इलाज कराना बेहद जरूरी है… पूरी कहानी जानने के लिए नीचे वीडियो पर क्लिक करें

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