मोदीनगर, उत्तर प्रदेश मेरठ के एक व्यक्ति ने मोदीनगर के दूसरे व्यक्ति से बोला यदि तुम मुझे कुछ पैसे दो तो मैं तुम्हें इन पैसों के दुगने करके दूंगा। बस जैसे ही यह बात वह सुनता है तो उसे यकीन दिलाने के लिए कुछ पूछता है कि मैं कैसे यकीन करूं? तभी वह लगभग उसे थोड़ी सी रकम देता है कुछ टाइम के बाद उस रकम को दुगना करके भेजता है दूसरी बार में वह एक लाख रुपए की रकम देता है और 6 महीने के बाद फिर दुगनी करके दे देता है यानी 6 महीने बाद उसको 1 लाख रुपए के 2 लाख रुपए दे दिए जाते हैं
अब मोदीनगर वाले व्यक्ति को पूरा यकीन हो चला था कि यह वाकई बहुत अच्छा इंसान है ईमानदार है क्योंकि उसके पीछे बैकग्राउंड दिखाया गया था बैकग्राउंड कुछ ऐसा ही था जैसे जमीन व्यापार आदि कहना था कि मैं यहां पैसे लगाता हूं यहां से जो मुझे इनकम होती है मैं आपको डबल करके दे देता हूं अब मोदीनगर वाले जो व्यक्ति है उसके मन में लालच कूट-कूट कर भरा जाता है अपने दोस्त रिश्तेदार आसपास के लोगों से संपर्क करता है और धीरे-धीरे करके 30 लाख रुपए से ज्यादा की रकम इकट्ठा कर लेता है उसे पता था कि कुछ ही दिनों के बाद दुगनी हो जाएगी सब को 30 लाख रुपए वापस कर देगा बाकी के 30 लाख रुपए बचेंगे वो अपने पास रख लेगा मगर ऐसा नहीं होने वाला था।
30 लाख रुपए की अकरम ऊंची थी और वह 30 लाख रुपए की रकम लेकर भाग जाता है रफूचक्कर हो जाता है अब रकम वापस लेने के लिए लोग उसे लगातार परेशान कर रहे थे उस पर लगातार तगादे कर रहे थे यदि 30 लाख रुपए की रकम वापस नहीं करता तो लोगों ने उसके घर को छीन लेने की धमकियां दी थी अब यहीं से उसके दिमाग में एक ऐसी बात सोचती है यहीं से उसके दिमाग में क्राइम की दस्तक की शुरुआत होती है जिसकी किसी ने कल्पना नहीं की थी ना केवल इसमें एक व्यक्ति की जान जाती है बल्कि न जाने कितने लोगों का विश्वास टूट जाता है
आज की जो सच्ची घटना हम आपको सुनाने जा रहे हैं यह सच्ची घटना है उत्तर प्रदेश का एक जिला है गाजियाबाद और गाजियाबाद जिले का एक थाना लगता है मोदीनगर। दरअसल कहानी मोदीनगर से शुरू करूं इससे पहले मैं आपको बताता चलता हूं कि बागपत जिले का एक गांव लगता है मुकंदपुर। एक लड़का उसके मां और बाप दोनों ही खत्म हो चुके थे परिवार में कोई और सदस्य बचा ही नहीं था लड़का पढ़ लिखकर कुछ बनना चाहता था कुछ करना चाहता था इसलिए उसने लखनऊ में पीएचडी में एडमिशन लिया और पीएचडी में एडमिशन लेने के बाद वह अपने परिवार के साथ रहने की कोशिश कर रहा था तो उसने उत्तर प्रदेश की जिला गाजियाबाद का एक थाना लगता है मोदीनगर उसी का ही एक राधा एंक्लेव के नाम इलाके में वह किराए पर रहता है… पूरी कहानी जानने के लिए नीचे वीडियो पर क्लिक करें