मुज़फ़्फ़रपुर, बिहार 3 दिसंबर 1994 की रात लगभग 8:30 बजे के आसपास का वाक्य रहा है एक नेता जी चुनाव में प्रचार कर कर अपने घर वापस आ रहे थे उनकी एंबेस्डर कार के अंदर खुद सहित पांच लोग बैठे हुए थे जैसे ही मुजफ्फरपुर जिले में संजय सिनेमा को वह पार करते हैं कुछ ही दूर आगे चलने के बाद कई वर्दीधारी लोग पुलिस वाले उन्हें रोक लेते हैं शायद उन्हें चेकिंग करना था या कुछ काम करना था कार रुक जाती है कार रुकने के बाद जैसे ही गाड़ी का शीशा नीचे उतरता है लगातार गोलियां चलनी शुरू हो जाती है एक के बाद एक धड़ाधड़ गोली चल रही थी।
गोलियों की बौछार, उनकी आवाज सुनने के बाद आसपास के इलाके में भी दहशत फैल जाती है बड़ी संख्या में लोग अपने-अपने घरों से निकलते हैं सीधा उस घटनास्थल की ओर आते हैं आकर देखने की कोशिश कर रहे थे तभी पुलिस वाले वहां से भाग जाते हैं पुलिस वालों को लोगों ने भागते हुए देख लिया था और एंबेस्डर कार को झांक कर देखते हैं उसके अंदर देखते हैं तो 5 लाशें पड़ी हुई थी और यह बात जब लोगों को पता चलती है तो इस घटना से पूरे बिहार की राजनीति का परिदृश्य बदल जाता है।
एक लड़का जो बहुत तेजी के साथ मुख्यमंत्री बनने की दौड़ में शामिल था वह लड़का न केवल सबसे पीछे खड़ा होता है बल्कि हमेशा के लिए सलाखों के पीछे पहुंच जाता है जो कि उस लड़की के नाम से लोग आज भी डरते हैं उस लड़के को लोग आनंद मोहन सिंह के नाम से जानते हैं जो कि बाहुबली नेता है जिसने ना जाने कितने लोगों के साथ अच्छा भी किया और ना जाने कितने लोगों के साथ बहुत बुरा भी किया।… पूरी खबर जानने के लिए नीचे वीडियो पर क्लिक करें