Connect with us

Society

डकैत को साधु बनाने की शर्त पर इंदिरा गांधी जब जयप्रकाश नारायण से हार गईं

Published

on

भिंड, मध्य प्रदेश

शर्तें हमेशा जीतने के लिए लगाई जाती हैं मगर आज की जो शर्त लगी थी वह जीतने के लिए नहीं बल्कि हारने के लिए लेकिन हारने वाला कुछ छोटा मोटा ना मिला हारने वाला भी बहुत बड़ा नाम जो कि हमारे देश के प्रधानमंत्री बने मैं बात कर रहा हूं इंदिरा गांधी जी की इंदिरा गांधी जी ने जेपी नारायण जी से शर्त रखी थी और शर्त भी कुछ ऐसी थी कि उन्होंने एक काम दिया था कि आप इस काम को कर दो तो मैं आपकी बात मान जाऊंगी। यानी कि आप शर्त जीत जाएंगे।

जैसा वह चाहती थी वैसा ही होता है जेपी नारायण शर्त जीत जाते हैं और इंदिरा गांधी जी शर्त को हार जाती हैं जेपी नारायण शर्त नहीं जीते थे बल्कि उन्होंने सैकड़ों लोगों की जिंदगी बचाई थी

सैकड़ों लोगों की जान बचाई थी अब तक 100 से ज्यादा लोग मारे जा चुके थे आगे ना मरे शायद इसीलिए वह शर्ट रखी गई थी आज की जो कहानी हम आपको सुनाने जा रहे हैं यह कहानी वाकई बहुत दिलचस्प है। इसको सुनकर आपको भी लगेगा कि हमारे हिंदुस्तान के अंदर कैसे-कैसे क्रूर व्यक्ति रहे हैं और शायद ऐसा व्यक्ति ऐसी कहानी आपने किताबों में सुनी होगी मगर आज की कहानी वाकई सचमुच आपकी आंखों के सामने हैं।

आज कि सच्ची घटना है मध्य प्रदेश का एक जिला है भिंड और इसी जिले का एक गांव लगता है सिंहपुरा दरअसल बात कर रहा हूं 1958 की। क्षेत्र में पंचायत चुनाव चल रहा था और खासकर प्रधानी का चुनाव जो होता है वह बहुत रिस्की चुनाव होता है कई बार लोग दुश्मनी तक मानने लगते हैं गांव का एक बालक अभी उसकी ज्यादा उम्र नहीं थी उसने एक पक्ष का झंडा उठा लिया यानी कि उसकी तरफ उसने प्रचार प्रसार करने लगा गांव के दबंगों को यह बात बिल्कुल भी पसंद नहीं आई और जब उन्होंने इस बात का विरोध किया तो वह लड़का अपनी बात पर अटल रहा और कहा कि मुझे तो इन्हीं का समर्थन करना है।… पूरी कहानी जानने के लिए नीचे वीडियो पर क्लिक करें।

Continue Reading