भरतपुर, राजस्थान बात चाहे प्रशासनिक अधिकारियों की हो चाहे बात पुलिस की हो चाहे बात न्यायालय की हो यदि सबसे बड़ा दर्जा अगर किसी को दिया गया है भारत के कानून में जजों को दिया गया है मगर जज से भी गलती हो जाए या जज जानबूझकर गलती करें तो इंसाफ की उम्मीद कम हो जाती है क्योंकि आम पब्लिक में हिम्मत नहीं होती किसी देश के खिलाफ खड़े हो जाएं आवाज़ उठाएं अगर आज की कहानी में एक मां ने ना केवल हिम्मत जुटाई है बल्कि अपने बेटे को इंसाफ दिलाने के लिए वह हर कीमत पर हर जगह लड़ने को तैयार है वाकई ऐसी मां को सैल्यूट तो बनता ही है कि वह अपने बच्चे के लिए जमाने से लड़ने को तैयार है कानून से लड़ने को तैयार है। अदालत से भी लड़ने को तैयार है
उसने अंतिम समय में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी को भी एक पत्र लिखा है वह कहती है कि मुझे इंसाफ चाहिए नहीं तो मैं मरने के लिए विवश हो जाऊंगी। आज की जो सच्ची घटना हम आपको सुनाने जा रहे हैं यह सच्ची घटना है राजस्थान प्रदेश के जिला भरतपुर की यहां का एक थाना है मथुरा गेट थाना इसी इलाके का एक मामला है 28 अक्टूबर की सुबह लगभग 9:00 बजे के आसपास एक जज अपनी कार से एक घर के सामने रुकते हैं और साथ में उसका जो मालिक होता है उस घर का मालिक होता है 14 साल का बच्चा उसको अपनी गाड़ी से उतारते हैं और उतारते वक्त उसको कई सारे केस कर लेते हैं उसके गालों को चूमते हैं उसके माथे पर चूमते हैं गले लगाते हैं और उसे घर जाने के लिए बाय बाय कर देते हैं बाय बाय के बाद बच्चा अपने घर चला जाता है यह सब ना कोई और नहीं बल्कि उसकी मां अपनी आंखों से देख रही थी।
मां ने यह नजारा देखा तो वह चौक जाती है कि आखिरकार एक जज क्या करने जा रहा है जैसे ही बच्चा कमरे के अंदर प्रवेश करता है उसकी मां पहुंचती है बेटा यह क्या चल रहा था मैंने अपनी आंखों से जो देखा है वह सब क्या था तो बच्चा डर जाता है सहम जाता है और सहमते सहमते कहता है मां तुम नहीं जानती हो कि वह कितनी खतरनाक लोगे है पुलिस प्रशासन नेता सभी लोग तो उनकी मुट्ठी में है और उन्होंने जो कहा है वह सब कुछ हो गया तो हम लोग बचेंगे नहीं हमारी जिंदगी बर्बाद हो जाएगी उसकी मां उसको कहती है कि तुम हिम्मत रखो धीरज रखो डरने की जरूरत नहीं है जो भी बात है मुझे सच सच बताओ उसके बाद उसकी मां जब उस सच को सुनती है तो वाकई वह बहुत परेशानी में आ जाती है।… पूरी कहानी जानने के लिए नीचे वीडियो पर क्लिक करें