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Law

क्यों इस रेलवे स्टेशन पर 42 साल से नहीं रुकी कोई ट्रेन?

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बेगुन कोदर, वेस्ट बंगाल

एक रेलगाड़ी सामान्य गति से चल रही थी उस रेल गाड़ी के अंदर जो बहुत सारे यात्री बैठे हुए थे कोई चुपचाप बैठा है तो कोई अपने बातचीत कर रहा है कोई खा रहा है तो कोई खिड़की की तरफ झांक रहा है अचानक ही यात्रियों ने थोड़ा संभलना शुरू किया संभलने के साथ-साथ उन्होंने खिड़कियों को बंद करना शुरू कर दिया कोई बड़ी खिड़की बंद कर रहा है तो कोई अपने बराबर में छोटी लड़कियों को बंद कर रहा था तभी सभी लोग अपने अपने धर्म के हिसाब से कोई हनुमान चालीसा पढ़ रहा है तो कोई कुरान की आयतों को पढ़ रहा था

बस अब कुछ क्षण आने वाले हैं उन कणों से बचने के लिए तभी एक चाय वाला जो चाय बेचता है उसकी नजर पहुंचती है एक खिड़की पर जो कि आपातकालीन खिड़की होती है जिसमें से कोई भी व्यक्ति आसानी से आ जा सकता है वहां पर बैठा हुआ था एक लड़का जो कि दिल्ली का रहने वाला था वह लड़का बाहर आराम से झांक रहा था उसे कुछ भी नहीं पता पीछे क्या चल रहा है अभी चाय वाला बहुत गुस्से में आता है गुस्से में आने के बाद कहता है कि तुम्हें डर नहीं लगता इतना कहते ही वह लड़का समझ नहीं पाता कि आखिर उसको क्यों डाटा जा रहा है

उसने क्या गलती की है उस आपातकालीन खिड़की को बंद किया जा रहा था और तभी उस दिल्ली वाले लड़के की नजर बाकी के यात्रियों पर पड़ती है तो कोई जोर जोर से हनुमान चालीसा पढ़ रहा है कोई कलमा पढ़ रहा है कोई कुछ पढ़ रहा है उन्हें ऐसा लग रहा था जैसे कि आने वाले कुछ ही क्षणों में कोई बड़ा संकट आने वाला था दरअसल वाक्य कुछ ऐसा ही संकट था जिसे लगातार कई सालों से लगातार जब भी ट्रेन यहां से गुजरती है तभी हालत आज भी ऐसे ही हो जाती है दरअसल लोग भूतों पर विश्वास तो नहीं करते लेकिन इस घटना को सुनने के बाद ना केवल लोगों ने विश्वास किया बल्कि भारतीय रेलवे ने भी अपने कागजों साफ-साफ में उल्लेख किया है कि वाकई इस स्टेशन को एक भूतिया स्टेशन घोषित किया जाता है… पूरी कहानी जानने के लिए नीचे वीडियो पर क्लिक करें

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