प्रयागराज, उत्तर प्रदेश मुलायम सिंह यादव और काशीराम जी के बीच में एक गठबंधन होता है जैसे ही गठबंधन होता है तब उत्तर प्रदेश में उन्हें सरकार बनाने का अवसर मिल जाता है और मुलायम सिंह यादव चुने जाते हैं मुख्यमंत्री के रूप में 4 दिसंबर 1993 को मुलायम सिंह यादव जब मुख्यमंत्री बन जाते हैं तो उनके मिलने वाले हो या फिर बसपा के बहुत सारे ऐसे लोगों के हाथ में ताकत आ जाती है और यह ताकत ज्यादा दिन तक रुक नहीं पाती टिक नहीं पाती
दरअसल बसपा सपा से किनारा कर लेती है और जैसे किनारा करती है तो यह गठबंधन टूट जाता है टूटने के बाद राष्ट्रपति शासन लागू हो जाता है और इसी बीच में एक गेस्ट हाउस कांड भी हुआ था जिसकी गूंज पूरे हिंदुस्तान भर में फैल जाती है
जब सत्ता चली जाती है सरकार गिर जाती है राष्ट्रपति शासन लागू हो जाता है तो बहुत सारे लोगों के हाथ से ताकत भी चली जाती है और इसी बीच में मुलायम सिंह यादव के एक खास विधायक थे वह अपने भ्रमड़ के लिए निकले थे साथ में उनके दो और साथी थे इसी बीच में गोलियां चलनी शुरू हो जाती हैं और जैसे ही उन पर गोली चलती हैं तो विधायक सहित तीन लोगों की हत्या हो जाती है और दो लोग गंभीर रूप से घायल हो जाते हैं मामला फिर अदालत में जाता है अदालत में मामला चक्कर पर चक्कर काटता रहता है इस मामले में फैसला भी आता है और जो आरोपी होते हैं कातिल होते हैं वह सलाखों के पीछे पहुंचे जरूर जाते हैं लेकिन सरकार की उन पर मेहरबानी हो जाती है सरकार की जैसे ही मेहरबानी होती है जिला प्रशासन से होते हुए मामला सरकार तक पहुंचता है इसके बाद राज्यपाल उनकी दया याचिका को स्वीकार कर लेते हैं… पूरी कहानी जानने के लिए नीचे वीडियो पर क्लिक करें