दिल्ली 1 दिसंबर को लड़की के जन्मदिन की तैयारी चल रही थी इसी बीच में उसका भाई घर में आ जाता है भाई ने देखा की तैयारी चल रही है तभी वह अपनी बहन की तरफ देखता है और देखते हुए कहता है कि हम तो ऐसा लग रहा है जैसे कि बिल्कुल सौतेली हों जब देखो तब मारपीट करना शुरू कर देते हैं जब देखो तब ताने मारना शुरू कर देते हैं ना किसी घर वाले को देखते हैं ना ही किसी बाहर वाले को देखते हैं वह लड़का अपनी बात कह कर अभी चुप भी नहीं हुआ था कि अचानक से उसके पिताजी आ जाते हैं
जैसे ही पिताजी आ जाते हैं वह एक के बाद एक कई थप्पड़ मारते हैं और थप्पड़ मार के कहते हैं कि तुम्हें अपनी बहन के जैसा बनना चाहिए जैसे वह बातों का कहना मानती है वैसा कहना मानना चाहिए साथ ही जैसी वह पढ़ाई करती है तुम्हें वैसे ही अपनी बहन के जैसे पढ़ाई करनी चाहिए तब जाकर तुम्हें शायद इतना मान सम्मान उतना प्यार मिलेगा बस लड़का सहम जाता है क्योंकि ये पहली बार नहीं हुआ था उसे किसी न किसी बहाने से मारा जाता था पीटा जाता था और ताने मारे जाते थे इसलिए पिट पिटाकर यहां से चुपचाप चला जाता है
एक दो दिन बीत जाते हैं और उसके बाद फिर शुरू होती है एक शादी की सालगिरह की तैयारी रात को सोचकर सोए थे कि अगले दिन तैयारी करेंगे कुछ अच्छा करेंगे लोगों को बुलाएंगे और दावत करेंगे कुछ इस तरह की बातें थी इस तरह के सोच विचार थे लेकिन वह अगली सुबह जरूर होती है लेकिन घर के तीन सदस्य ऐसे होते हैं जिनकी सुबह होती ही नहीं है शायद ही वह कभी जिंदगी में उठ पाए क्योंकि उठने की स्थिति है ही नहीं उनकी आंखें कभी खुलेंगी नहीं क्योंकि वह दुनिया में रहे जो नहीं है… पूरी कहानी जानने के लिए नीचे वीडियो पर क्लिक करें