झालावाड़, राजस्थान किसी बच्चे को जब गोद में खिलाया जाता है तो पहली बार गोद में लेते हुए उसको देखते हैं और देखकर कहते हैं कि इसकी आंखें तो इसके चाचा से, दादा से, नाना-नानी फूफी इस तरह से मिलती-जुलती हैं इसी तरह से बच्चों के एक-एक अंग को देखा जाता है और देखने के बाद किसी परिवार वाले से मिलान किया जाता है जब वो बच्चा बड़ा हो जाता है तो उसकी हरकतों को, जो उसकी आदतें होती हैं तो घर के परिवार के किसी सदस्य के बारे में बात की जाती है कि इसकी आदत तो इसके ताऊजी से मिलती है इसकी आदत तो इसके चाचा जी से मिलती है
ठीक ऐसी ही एक कहानी है इस कहानी में एक बालक को जब भी कोई खिलाया करता था तो कहते थे कि घर परिवार में तो इसकी शक्ल किसी से मिलती-जुलती नहीं है आखिरकार ये बालक किसका है बस इतना था कि इसके बाद फिर पति के मन में भी एक शक पैदा हो जाता है अपनी पत्नी से पूछता है कि बड़ा बेटा तो मेरा है लेकिन छोटा बेटा किसका है पति-पत्नी में इसी बात को लेकर विवाद रहने लगता है
एक दिन वो पति ज़िद पे अड़ जाता है और कहता है कि मैं इस छोटे वाले बालक का हर हाल में DNA टेस्ट कराऊंगा उसके बाद देखूंगा यह सचमुच मेरा ही है या किसी और का है यहां से विवाद और बढ़ने लगता है इस बात पर गुस्से होकर पत्नी ने जान देने की कोशिश भी की लेकिन बात थम नहीं रही थी और बात पहुंच जाती है एक कत्ल पर ऐसा परफेक्ट क़त्ल ये किया गया था की ना कोई सी पोस्टमार्टम में कुछ आता है ना ही कोई मारपीट में कुछ आता है और ऐसा लग रहा था जैसे यह सामान्य मौत है लेकिन पुलिस टीम के जब बड़े ऑफिसर्स ने जब इस मामले की जांच-पड़ताल बड़ी बारीकी से की तो पता चलता है कि न केवल इसमें कत्ल होता है बल्कि कत्ल में भी कई लोग शामिल होते हैं पुलिस ने उन सबको गिरफ्तार किया और गिरफ्तार करने के बाद जेल भेज दिया पर आखिर वह लोग होते कौन है… पूरी कहानी जानने के लिए नीचे वीडियो पर क्लिक करें