कई बार हम चोरी लूट डकैती इसमें अंतर नहीं कर पाते हैं हमारी कोई कीमती चीज हो और वह गायब हो जाए उसके बारे में हमें पता ना चल पाए तो वह चोरी की श्रेणी में आती है हमारी कोई कीमती चीज है और उसको छीना जा रहा है या छीनने की कोशिश की जा रही है और हम उसका विरोध कर रहे हैं और सामने चार से कम व्यक्ति हैं तब लूट की श्रेणी में आती है और ऐसे ही कोई हमारी कीमती वस्तु है कोई कीमती चीज है और वह छीनी जा रही है या जबरदस्ती उसको कब्जा करने की कोशिश की जा रही है हम उसको रोकने की कोशिश करते हैं सामने चार व्यक्तियों से ज्यादा लोग शामिल हैं उनके पास हथियार हैं या नहीं है तब वह डकैती की श्रेणी में आती है
आज की जो सच्ची घटना में आपको सुनाने जा रहा हूं यह सच्ची घटना में यह आकलन ही नहीं हो पाता की चोरी है, लूट है, या डकैती है और सबसे बड़ी बात यह होती है कि इस घटना को अंजाम देने वाला जो व्यक्ति होता है उस व्यक्ति को तलाशने के लिए लगभग 35 साल से पुलिस उसके पीछे पड़ी है कौन है कहां से आया था क्या चेहरा है उसका आज तक पता नहीं चल पाता है और इससे भी बड़ी हैरानी की बात यह होती है कि सीबीआई के लगभग 400 ऑफिसर रडार पर आ जाते हैं ऑफिसर लोग यह समझ रहे थे इस घटना को अंजाम देने वाला कोई और नहीं बल्कि सीबीआई ऑफिसर ही होते हैं
आज भी घटना इतिहास के पन्नों में दफन होकर रहने वाली है क्योंकि उस शातिर व्यक्ति का आज तक पता ही नहीं चल पाया है कि किसने इस घटना को अंजाम दिया था आपने इस पर बनी हुई बहुत सी फिल्में भी देखी होंगी सुनी होंगी, फिल्मों में इसको बहुत ही तोड़ मरोड़ कर पेश किया गया है लेकिन असली कहानी क्या है आज हम आपको बताने जा रहे हैं… पूरी कहानी जानने के लिए नीचे दी गई वीडियो पर क्लिक करें