अहमदाबाद, गुजरात 23 अक्टूबर 2018 की रात लगभग 11:45 के आसपास बेंगलुरु की एक कॉल सेंटर कंपनी के अंदर दो लड़के प्रवेश करते हैं और प्रवेश करने के बाद वो सेवंथ फ्लोर पर जाते हैं और वहां जाने के बाद देखते हैं की ज़्यादातर लोग अपना अपना काम कर रहे हैं तभी उन दोनों लड़कों में से एक लड़के ने बहुत जोर से आवाज लगाई तरुण तुम कैसे हो और जैसे ही आवाज लगाई जाती है तो एक लड़का उनकी तरफ को देखने लगता है तो उसके वो पास पहुँचते हैं वहां जाकर वो उनसे हाथ मिलाते हैं हाथ मिलाते हुए कहते हैं कि कैसे हो दोस्त वो कहता है की आपको कोई गलतफहमी हुई है मेरा नाम प्रवीण भटोले है
जब बात प्रवीण भटोले की आती है तो कहते हैं सॉरी गलती हो गई बस हाथ मिलाकर और जैसे ही वहाँ से चलने की तैयारी में थे तो हाथ मिलाते हुए कहते हैं कि अब हमें पूरी तरह से यकीन हो चला है तुम प्रवीण हो ही नहीं सकते तुम तरुण हो वो कहता है कैसे तो कहते हैं प्रवीण के हाथ में चोट नहीं बल्कि तरुण की एक उंगली पूरी तरह से टूटी हुई है इसीलिए तुम असली तरुण हो प्रवीण नहीं हो सकते और वैसे भी हमने पेमेंट के बारे में पता कर लिया है
जब यह बात उस व्यक्ति के समझ में आती है तो उसके होश फाख्ता हो जाते हैं सोचने पर मजबूर हो जाता है कि आख़िरकार ये लोग मेरे पास पहुंचे तो पहुंचे कैसे लगभग 15 साल से उस तरुण की तलाश की जा रही थी और 15 साल बाद जो मिलता है तो तरुण को भी यकीन नहीं हो रहा था कि आखिरकार पुलिस ने उसको ढूंढ कैसे लिया अब बैंगलोर से उसको लेके चलते हैं अहमदाबाद की तरह रास्ते में तरुण एक सवाल पूछता है वह दोनों लड़के कोई और नहीं बल्कि पुलिस डिपार्टमेंट से जुड़े हुए अधिकारी थे तभी तरुण पूछता है… पूरी कहानी जानने के लिए नीचे वीडियो पर क्लिक करें