किसी भी इंसान को सबसे ज्यादा सुकून सबसे ज्यादा तसल्ली सबसे ज्यादा आराम अगर कहीं मिलता है तो वह अपने घर में मिलता है हम दुनिया के किसी भी हिस्से में किसी भी कोने में चले जाएं लेकिन कुछ वक्त के बाद हमें अपने घर की याद आ ही जाती है आज की सच्ची घटना जो हम आपको सुनाने जा रहे हैं यह सच्ची घटना में कुछ ऐसा ही होता है एक लड़का रोज डेली नौकरी के लिए निकलता था और उसके बाद अपने घर आने के लिए बेताब रहता था क्योंकि उसको जो सुकून मिलता था वह अपने घर के अंदर ही मिलता था
घर बहुत करीब में था लेकिन वह जो रास्ता था इतना लंबा हो जाता है इसको सुनने के बाद शायद आप भी हैरानी में पड़ जाएंगे आपको भी लगेगा कि हां वाकई किसी इंसान के साथ कभी-कभी ऐसी घटनाएं होती है कि उनको जिंदगी भर नहीं भुलाया जा सकता आज की घटना भी कुछ ऐसी ही है यदि उस लड़के ने एक छोटा सा झूठ ना बोला होता तो शायद वह लड़का इस दुनिया में कभी भी नहीं होता हालांकि कुछ दिन बाद उसकी एक सरकारी नौकरी लग जाती है और वह खुशहाल जिंदगी जी रहा है
आज की जो सच्ची घटना हम आपको सुनाने जा रहे हैं यह सच्ची घटना है उत्तर प्रदेश का एक जिला है बुलंदशहर और इसी जिले की तहसील लगती है खुर्जा। खुर्जा के रहने वाले एक सरकारी वकील यशपाल सिंह राघव उन दिनों में खुर्जा में ही सरकारी वकील थे और उनका बेटा राहुल सिंह राघव जो प्रतिदिन खुर्जा से नोएडा में नौकरी करने के लिए जाया करता था।
दिसंबर 2014 की यह बात है वह लड़का सुबह निकला जरूर था जब शाम को घर वापस आ रहा था तो किसी भी तरीके से किसी भी तरह से वह बुलंदशहर के भूर चौराहे तक पहुंच जाता है आगे जाने के लिए 20 किलोमीटर की यात्रा उसको तय करनी थी यहां पर उसको कोई भी ऐसा साधन कोई ऐसा वाहन नहीं मिल रहा था जिससे कि वह अपने घर पहुंच पाता काफी देर से इंतजार कर रहा था कोई गाड़ी आती भी थी तो रुकते नहीं थी कोई वाहन आता था तो रुकता नहीं था काफी देर हो जाती है लगभग रात के 8:30 या 9:00 बजे के आसपास का वक्त हो चला था एक स्कॉर्पियो आकर रूकती है स्कॉर्पियो में एक ड्राइवर बैठा हुआ है जो गाड़ी चला रहा है साथ ही ड्राइवर के बराबर वाली सीट पर एक लड़का और था… पूरी कहानी जानने के लिए नीचे वीडियो पर क्लिक करें