पुष्पक एक्सप्रेस(लखनऊ-मुंबई) कई बार जाने अनजाने रास्ते पर जब हम गुजर रहे होते हैं तो हमारे सामने कई तरह के अपराध हो जाते हैं उन अपराधों को हम होते हुए देखते हैं मगर कुछ नहीं कर पाते जबकि सामने वाले को एक मदद की जरूरत होती है और वह मदद की गुहार भी लगा रहा होता है तब भी हम मदद नहीं कर पाते हैं ऐसे में हमें वहां से जाना नहीं चाहिए बल्कि एक इंसानियत के नाते हमें रुकना चाहिए और रुक कर ठंडे दिमाग से सोचना चाहिए कि हम किस तरह से मदद कर सकते हैं हम पर भी आंच ना आए और सामने वाले की मदद हो जाए ऐसे ही कुछ तरकीब सोचनी चाहिए और खासकर प्रशासन ने, सरकार ने कुछ ऐसे नंबर दिए हुए हैं आप उन्हें फोन कर सकते हैं और फोन करने के बाद आप उस व्यक्ति के लिए मदद मांग सकते हैं।
मदद आ जाएगी, मदद हो भी जाएगी और किसी को कानों कान खबर तक नहीं लगेगी कि आखिरकार यह मदद किसने की है और आप पुलिस से मदद मांग कर, प्रशासन से मदद मांग कर चुपचाप वहां से चले जाएं शायद एक अच्छे इंसान होने के नाते आपकी जिम्मेदारी बनती है आज की कहानी में कुछ ऐसे ही होता है कुछ लोगों ने अपनी जान पर खेलकर किसी की जिंदगी बचाई बल्कि उन अपराधियों को सलाखों तक पहुंचाने में पूरी-पूरी ईमानदारी के साथ काम किया।
आज की जो सच्ची घटना हम आपको सुनाने जा रहे हैं यह सच्ची घटना है एक ट्रेन की। एक एक्सप्रेस रेलगाड़ी की। एक्सप्रेस रेलगाड़ी पुष्पक एक्सप्रेस है जो कि लखनऊ से चलकर मुंबई जाती है वाक्य 8 अक्टूबर 2021 का है रात के 8:00 बजे के आसपास का वाक्य है जब यह ट्रेन कई प्रदेशों की सीमा पार करते हुए सीधे महाराष्ट्र की सीमा में प्रवेश करती है और वहां जिला औरंगाबाद के इगतपुरी इलाके में पहुंचते हैं जैसे ही इगतपुरी रेलवे स्टेशन पर जाकर ट्रेन रूकती है अचानक ट्रेन के अंदर लगभग 8 लोग आ जाते हैं… पूरी कहानी जानने के लिए नीचे वीडियो पर क्लिक करें