पालामु, झारखंड कमरुद्दीन के पास दो बैलों की जोड़ियां थी ऐसी जोड़ी जब हाल में चलती थी या फिर गाड़ी में चलती थी जब वो चलती थी तो लोग उन्हें मुड़-मुड़ कर देखते थे वह थी इतनी खूबसूरत ऐसा कोई किसान नहीं था जस किसान की उन दोनों की जोड़ी पर नजर नहीं जाती थी बात धीरे-धीरे एक गांव से दूसरे, दूसरे से तीसरे स्तर से फैलती चली जाती है उस इलाके में एक बहुत बड़ा बदमाश हुआ करता था जिसके नाम से लोग कांपते थे बात जब वहां तक पहुंचती है तो उसने अपने आदमियों को उसके घर भेजा उसके घेर पर भेजा वह दिनदहाड़े उसके बैलों को खोलने लगे
जब यह बात कमरुद्दीन को पता चलती है तो कमरुद्दीन परेशान हो जाता है उन्हें रोकने की कोशिश कर रहा था अब वह बदमाश आए तो थे बैलों को लेने के लिए उन्हें खोलने के लिए लेकिन इस किसान को भी साथ ले जाते हैं साथ ले जा रहे थे उसे पीट रहे थे वह चल रहा है उसे फूलों से पीट रहे हैं उसी बदमाश के घर ले जाकर बांधते हैं अब बांधकर तब तक मारते हैं जब तक कमरुद्दीन बेहोश नहीं हो जाता।
मार मार के उसे बेहोश कर देते हैं और यह दृश्य इस नजारे को बड़ी संख्या में लोग देख रहे थे तभी एक मैसेज दिया जाता है कि यहां बात बैलों की नहीं है बल्कि इन्हें जो भी चीज पसंद आएगी चाहे वो जमीन हो चाहे वह किसी का घर हो चाहे किसी की बेटी हो चाहे किसी की बहू हो वह सब चीज देनी ही पड़ेगी यदि किसी ने नहीं दिया तो समझ लेना उसको इसी तरह से मारा जाएगा कोड़ों से इसी तरह से पीटा जाएगा जैसे कमरुद्दीन को पीटा… पूरी कहानी जानने के लिए नीचे वीडियो पर क्लिक करें