दिल्ली, इंडिया यह बात सन 2007 की है हरियाणा पुलिस के जो एसटीएफ के ऑफिसर होते हैं एसीपी असोल श्योराण उनको सूचना मिलती है कि कुछ बदमाश एक जगह पर हैं घर के अंदर है तुरंत पुलिस को लेकर उस घर में पहुंचते हैं और वहां जैसे ही दरवाजा खोलते हैं तो रात का सीन था अंधेरा था इसलिए कुछ भी दिखाई नहीं दे रहा था और गोली चलने लगती है उधर से गोली चलती है इधर से गोली चलती है और कुछ देर के बाद लाइट आ जाती है जैसे ही लाइट आती है तो पता चलता है कि एक बदमाश घायल पड़ा है और दूसरा बदमाश मर चुका है
बस इस कमरे से न कोई बाहर गया था ना कमरे में कोई दूसरा आया था और जो एसीपी साहब होते हैं और इनकी सर्विस रिवाल्वर होती है वह अचानक से गायब हो जाती है
उसको सभी जगह तलाश करने की कोशिश की जाती है लेकिन वह मिलती नहीं उसके बाद जिस रूप में वह मिलती है वह आज भी एक रहस्य बना हुआ है सोच कर लोग परेशान हैं हैरान हैं खासकर दिल्ली पुलिस ने इस राज को अभी तक राज रखा हुआ है जिस व्यक्ति को यह आखिरी बार मारती है उस व्यक्ति ने एक दो नहीं बल्कि 56 बदमाशों का एनकाउंटर किया था लगभग 40 आतंकवादियों को जेल में रखा था और 60 से ज्यादा बड़े बड़े बदमाशों को सलाखों के पीछे पहुंचाया था आज की कहानी एक ऐसे एनकाउंटर स्पेशलिस्ट की है जिसने देश के बड़े से बड़े ऑफिसर बड़े-बड़े लोगों को अपने बस में कर लिया था।… पूरी कहानी जानने के लिए नीचे वीडियो पर क्लिक करें