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Crime

अतीक और अशरफ के कत्ल करने किन के इशारों पर आए तीनों

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प्रयागराज उत्तर प्रदेश
आज की जो सच्ची घटना हम आपको सुनाने जा रहे हैं यह सच्ची घटना है उत्तर प्रदेश के प्रयागराज की जिसको लोग इलाहाबाद के नाम से भी जाना करते थे।

इस कहानी को शुरू करने से पहले मैं आपको नवाज देवबंदी का एक शेर है कुछ पंक्तियां है जो आपको सुनाना चाहूंगा कि “जलते घर को देखने वालों फूस का छप्पर आपका है,आपके पीछे तेज हवा है आगे मुकद्दर आपका है” “उसके कत्ल पर मैं चुप था मेरा नंबर अब आया है मेरे कत्ल पर आप चुप हैं अगला नंबर आपका है” कहानी शुरू होती है इलाहाबाद के प्रयागराज से।

प्रयागराज में साल 1984 के आसपास की बात है एक व्यक्ति का नाम बहुत तेजी के साथ सुर्खियों में था लगातार लोगों की जुबान पर था शायद ही कोई ऐसा व्यक्ति होगा जो उस व्यक्ति को उसके नाम से नहीं जानता था नाम था चांद बाबा। चांद बाबा अपराध करता था लूट, हत्या, डकैती करता था और उसका वर्चस्व लगातार बढ़ रहा था

उसके लगातार क्राइम से जब पुलिस वाले तंग आ जाते हैं तब उन्हें जरूरत थी एक ऐसे व्यक्ति की जो इसे खत्म कर सके.

पुलिस वालों ने अपना काम किया होता तो उसमें किसी दूसरे व्यक्ति की जरूरत पड़ती ही नहीं और अतीक अहमद नाम का एक व्यक्ति जिसने 17 साल की उम्र में पहली हत्या की थी उस व्यक्ति ने साल 1989 में चांद बाबा को हमेशा हमेशा के लिए मौत की नींद सुला दिया क्योंकि चांद बाबा भी विधायक बनना चाहता था और अतीक अहमद भी विधायक बनना चाहता था… पूरी कहानी जानने के लिए नीचे वीडियो पर क्लिक करें