गोरखपुर, उत्तर प्रदेश यह बात उन दिनों की है जब मैं दैनिक जागरण अखबार के लिए रिपोर्टिंग किया करता था। मैं शिक्षा विभाग के दफ्तर में जब जाता था लगातार तब मैंने एक महिला को कभी किसी की सीट पर कभी किसी की सीट पर रोते हुए बिलबिलाते हुए देखा। एक दिन मैंने उस महिला से पूछा कि तुम रोज-रोज इस दफ्तर में आती हो क्या दिक्कत है? क्या परेशानी है? क्या मैं आपकी कुछ मदद कर सकता हूं?
उस महिला ने जो अपने बारे में बताया तो वाकई परेशान करने वाला था तब तक उस महिला के पति की सरकारी नौकरी थी और टीचर थे और उनका रोड पर एक्सीडेंट हो जाता है उनकी मौत हो जाती है उनकी मौत के बाद इस महिला को उनकी जगह नौकरी दी जानी थी लेकिन सरकारी दफ्तर में या तो रिश्वत की मांग की जा रही थी या फिर उस महिला के साथ शारीरिक शोषण की डिमांड की जा रही थी लगातार वह महिला परेशान हो रही थी कई महीने से ऐसे ही चक्कर काट रही थी।
आखिरकार अखबार के माध्यम से उच्च अधिकारियों पर जब दबाव बनाया गया तब कहीं जाकर उस महिला को मदद होती है हेल्प होती है उसकी नौकरी मिल जाती है महिला अब नौकरी कर रही है अपने परिवार का भरण पोषण कर रही है लेकिन जितनी भाग्यशाली यह महिला होती है वह महिला नहीं होती जिस की कहानी में अगले भाग में आपको सुनाने जा रहा हूं इसकी कहानी सुनने के बाद वाकई इंसानियत शर्मसार होती है और लोग आज भी हमारे समाज में चाहे वह सरकारी व गैर सरकारी हो उसमें भ्रष्टाचार ने अपनी जड़े जमाई हुई है जो हम आपको सुनाने जा रहे हैं वाकई बहुत भयानक है… पूरी कहानी जानने के लिए नीचे वीडियो पर क्लिक करें