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Crime

मां और बेटे ने रच दिया हुबहू आफताब पुणेवाला की तरह एक और केस

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दिल्ली

राजधानी दिल्ली में जब आफताब अपने जुर्म को दबाने के लिए अपनी प्रेयसी श्रद्धा के शव के टुकड़े टुकड़े कर रहा था,तभी दिल्ली के ही दूसरे हिस्से में मां और बेटा भी ऐसी ही एक और वारदात को अंजाम दे रहे थे।

– जुर्म भी एक जैसा
– तरीका भी एक जैसा
– पर्दाफाश होने में लगने वाला समय भी एक जैसा और
– उपयोग किए जाने वाले हथियार भी लगभग एक ही जैसे

श्रद्धा हत्याकांंड की गुत्थी अभी सुलझी ही नहीं थी कि दिल्ली में ही एक और हत्याकांड ने लोगो को हिलाकर रख दिया।श्रद्धा हत्याकांड दिल्ली के दक्षिण इलाके में हुआ तो राजधानी दिल्ली के पूर्वी दिल्ली के त्रिलोकपुरी इलाके में एक महिला ने अपने बेटे के साथ मिलकर अपने ही पति का कत्ल कर डाला।इन दोनो ने ना केवल एक आदमी का खून किया बल्कि रिश्ते और मानवता का खून करते हुए मृतक के शरीर के कई टुकड़े किए फिर पांडव नगर के रामलीला मैदान में फेंक दिए।मरने वाला का नाम अंजनदास था जोकि मूलरूप से बिहार का रहने वाला था।अंजनदास काफी समय से दिल्ली में ही रह रहा था।और जिन दो लोगो ने इसकी हत्या की,वो कोई और नहीं बल्कि उसकी पत्नी पूनम और सौतेला बेटा दीपक था।दिल्ली पुलिस ने करीब 6 महीने की कड़ी मशक्कत के बाद इस हत्या की गुत्थी को सुलझा दिया है।पुलिस ने दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है।अंजन दास हत्या कांड का खुलासा करना इतना आसान नहीं था जितना देखकर लगता है।पुलिस को त्रिलोकपुरी के पांडव नगर थाना क्षेत्र से सिर, हाथ और पैर जैसे मानव शरीर के अंग बरामद हुए थे|

दिल्ली पुलिस अधिकारी ने जानकारी के मुताबिक पुलिस को कॉल के माध्यम से 5 जून को रामलीला मैदान में बॉडी पार्ट्स मिले थे, जो कि 5 दिन तक बरामद हुए. डीसीपी ने बताया कि बॉडी की पहचान करने में काफी दिक्कत हो रही थी.पुलिस ने आसपास के थानों में गुमशुदगी की रिपोर्ट खंगाली,पर कोई सफलता हाथ नहीं लगी।फिर पुलिस ने घर घर जाकर पता किया,तो सफलता मिली।करीब 5-6 महीने से अंजन दास नाम का व्यक्ति लापता है, लेकिन थाने में कोई मिसिंग रिपोर्ट दर्ज नहीं की थी.जब ये सर्च ऑपरेशन चल रहा था उसी बीच पुलिस ने रामलीला मैदान के सीसीटीवी कैमरे की जांच की,तब पुलिस को फुटेज मिली जिसमें एक व्यक्ति और एक महिला कुछ सामन सा लेकर मैदान की तरफ जा रहे है,पर ये फुटेज रात की होने की वजह से चेहरा पहचान में नहीं आया।फिर से सीसीटीवी कैमरा खंगाला गया,इस बार जो फूटेज मिली वो दिन की थी पर चेहरे की शिनाख्त इसमें भी नहीं हो पा रही थी।बस कपड़ो का रंग और दोनो लोगो का हुलिया ही मिल पाया।कोई खास कामयाबी ना मिलने पर ये मानवीय अंग पुलिस के लिए सरदर्दी बन गए।फिर उसके बाद चलाया गया सर्च ऑपरेशन। जिसमें पुलिस को यकीनन बड़ी कामयाबी मिली।बड़ी कामयाबी कैसे,वो ऐसे एक तो गुमशुदा व्यक्ति की पहचान मिली।साथ ही वो कपड़े भी मिले जो सीसीटीवी कैमरे की वीडियो में संदिग्ध दो लोगो ने पहने हुए थे।बस अब पुलिस को केस को सुलझाने में ज्यादा वक्त नहीं लगा।

त्रिलोकपुरी के जिस घर से अंजन दास के लापता होने की खबर और कपड़े मिले थे उसी घर से पुलिस ने पूनम और दीपक नाम के दो शख्सो से पूछताछ की।तो पता चला कि पूनम और दीपक मां बेटे है।पूनम अंजन दास की पत्नी और दीपक सौतेला बेटा है।पूछताछ के दौरान अमूमन अपराधी जल्दी से जुर्म स्वीकार नहीं करता।लेकिन जब पुलिस ने थोड़ी सख्ती से पूछा तो दोनो ने सब बता दिया।।दरअसल,अंजनदास पूनम का तीसरे नंबर का पति था।दीपक सबसे पहले पति का बेटा है,आरोपी पूनम का सुखदेव से झारखंड में विवाह हुआ था, जब पूनम मात्र 13 साल की थी।शादी होते ही उसका पति दिल्ली आ गया. और काफी समय तक वापिस झारखंड नहीं आया तो पूनम अपने पति को खोजने दिल्ली आई।दिल्ली आकर पूनम को उसका पति तो मिला नहीं पर कल्लू नाम का एक शख्स मिला।अब पूनम वापिस तो जा नहीं सकती थी अलबत्ता कल्लू के साथ ही रहने लगी।जिससे पूनम को 3 बच्चे हुए.जिसमें से एक बच्ची की 4 साल की उमर में मौत हो गई थी।कल्लू की कैंसर से मौत के बाद आरोपी पूनम के जीवन में मृतक अंजन दास की एंट्री हुई।दोनो में प्रेम हुआ और प्रेम शादी में तब्दील हो गया।जबकि अंजन दास भी पहले से शादी-शुदा था और बिहार में उसके 8 बच्चे हैं।हिरासत में दोनो आरोपियों ने हत्या का जुर्म कबूल तो किया है लेकिन इसके पीछे आए दिन होने वाले झगड़े को इसका कारण बताया।उनके मुताबिक अंजन दास पूनम की बेटी जोकि तलाकशुदा थी उस पर बुरी नजर रखता था।वो दीपक की पत्नी को भी गलत नीयत से देखने लगा था।अंजन दास पूनम के जेवर और पैसे चोरी करके बिहार अपने पहले परिवार पैसे भेज देता था।अंजन दास कुछ कमाता नहीं था पूनम और दीपक पर ही निर्भर रहता था. जिसके कारण दोनों के बीच में अक्सर झगड़ा होता रहता था.दिल्ली पुलिस अधिकारी के मुताबिक, आरोपी महिला पूनम और उसके बेटे ने 30 मई को अंजन दास को शराब पिलाई और उसमें नींद की गोलियां मिला दी. फिर दीपक ने डैगर से उसका गला काट दिया और रात के अंधेरे का इंतजार करने लगा।फिर उन्होंने शरीर के टुकड़े टुकड़े किए, टुकड़ों को ठिकाने लगाने से पहले उनको फ्रिज में भी रखा गया था।बिलकुल श्रद्धा के टुकड़ों की ही तरह।5 जून के आस पास ही आफताब ने श्रद्धा के आखिरी टुकड़े फेंके थे और 5 जून को ही इन दोनो ने भी टुकड़े फेंके।जिसमें से 6 टुकड़े बरामद हुए हैं।मां-बेटे ने मिलकर बॉडी पार्ट्स को रामलीला मैदान में ठिकाने लगाए।पुलिस को बॉडी पार्ट्स का डीएनए कराना पड़ा।अब अंजन दास के बिहार वाले परिवार से बॉडी का डीएनए मैच कराया जाएगा।चाकू और डैगर जैसे हथियारों का इस्तेमाल किया गया था।अभी केस को पूरी तरह खोलने के लिए पुलिस को और समय लग सकता है।जिसके लिए पुलिस इन दोनो आरोपियों की पुलिस हिरासत में लेकर पूछताछ करेगी। पूरी कहानी जानने के लिए नीचे वीडियो पर क्लिक करें


By- Parul Bhati – Writer and Research

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