बरेली, उत्तर प्रदेश 30 जुलाई 2023 का यह वाक्य है बरेली का पुराना शहर में एक मोहल्ला है जोगी नवादा दरअसल यहाँ से कुछ कावर्थी अपनी यात्रा को निकालना चाहते थे और जैसे ही बात पुलिस वालों को पता चलती है तो पुलिस वालों में हड़कंप मच जाता है क्योंकि इस मोहल्ले से इससे पहले कावड़ यात्रा कभी निकली नहीं थी पुलिस वालों ने अपने आला अधिकारी उच्च अधिकारियों को सूचना दी और जैसे ही सूचना दी जाती है तो बड़े-बड़े अधिकारी भी मौके पर पहुंच जाते हैं और कांवरियों को समझाने की कोशिश कर रहे थे कि अब से पहले यहां से कोई यात्रा निकली नहीं है इसलिए आप यहां से यात्रा ना निकाले तो ज्यादा सही है
क्योंकि हम किसी नई परंपरा को जन्म नहीं देना चाहते जब पुलिस वाले समझा रहे थे तो कावर्थी कह रहे थे कि यात्रा तो यहीं से निकलेगी और हर हाल में निकलेगी कावर्थी लगातार ज़िद् पर अड़ गए थे तब एस.एस.पी प्रभाकर चौधरी को लगता है कि स्थिति ज्यादा खराब ना हो इसलिए कुछ सोचते हैं जहां-जहां से यात्रा निकलनी थी अब आगे वो मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्र था यदि ये लोग निकलते तो टकराव की स्थिति पैदा हो सकती थी इसलिए एस.एस.पी ने कुछ अधिकारियों को उस इलाके में भेजा और वहां भेजने के बाद उनसे कहा कि यहां से कावड़ यात्रा निकलेगी हम आपका सहयोग चाहते हैं
तो मुस्लिम पक्ष ने कहा ठीक है हमें कोई एतराज नहीं है आप चाहे तो यहां से यात्रा निकाल लीजिए कोई दिक्कत नहीं है कोई परेशानी नहीं है 4 घंटे कावड़ यात्रियों को समझाया गया लेकिन जब बात नहीं बनी लेकिन जब दूसरे पक्ष से बात की गई तो वह मान गए तैयार हो गए और इसी बीच में जब कावर यात्रा निकलनी शुरू होती है तो जो उनके पास डीजे था उसका साउंड उसकी आवाज़ कुछ ज़्यादा ही तेज़ था और उन्होंने कुछ नारेबाजी जब करनी शुरू की है तो पुलिस वालों ने रोकने की कोशिश की कि तुम यात्री यहां से निकाल लो लेकिन नारेबाजी नहीं करो… पूरी कहानी जानने के लिए नीचे वीडियो पर क्लिक करें