महेंद्रगढ़, हरियाणा एक फौजी को अपने पड़ोसी गांव की लड़की से प्यार हो जाता है मोहब्बत हो जाती है और अपनी मोहब्बत से मिलने के लिए वह गुपचुप तरीके से जहां मौका होता था वहां मुलाकात करने की कोशिश करता था लेकिन इन दोनों की मोहब्बत गांव के एक व्यक्ति को रास नहीं आ रही थी गांव का व्यक्ति होता है शक्ति सिंह पहलवान उर्फ दूधिया। वह उसका विरोध करता है और एक दिन फौजी से मुलाकात करके कहता है फौजी तुम शादीशुदा हो तुम्हारे बच्चे हैं उन पर ध्यान दो तुम क्यों लड़की की जिंदगी खराब करने पर तुले हुए हो यह बात सही नहीं है।
दरअसल शक्ति सिंह पहलवान गांव के ही अखाड़े के गुरुजी होते हैं और गांव के जो लड़के हैं वह बड़े रेस्पेक्ट करते थे गांव का ऐसा कौन व्यक्ति था जो शक्ति सिंह पहलवान की रेस्पेक्ट नहीं करता था उनका सम्मान नहीं करता था जब यह बात अब पराई हो चुकी थी इस फौजी की। गांव में पंचायत की जाती है पंचायत में फैसला लिया जाता है कि संदीप फौजी उस लड़की से कभी नहीं मिलेगा यदि मिलता है तो उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी बस इतना था यहां से उन दोनों की दुश्मनी शुरू हो जाती है
लेकिन यह बात फिर से पता चल जाती है कि संदीप फौजी उस लड़की से पंचायत होने के बावजूद मुलाकात करता है तब पहलवान उर्फ दूधिया को गुस्सा आता है अपने कुछ लड़कों को लेकर जो पहलवानी उनसे सीखते थे सीधा संदीप फौजी के यहां जाते हैं और उस को पीट देते हैं इतना पीटते हैं कहते हैं कि अभी शुरुआत है यदि तुमने उस लड़के से बंद नहीं किया तो तुम्हारे साथ और भी बुरा होगा बस इतना था कि संदीप फौजी को बहुत गुस्सा आता है उसे लगता है कि जो मेरी बेइज्जती हुई है मैं इस बेइज्जती का बदला जरूर लूंगा।
फौजी ने अपना दिन तारीख तय कर लिए थे बदला लेने के 4 फरवरी 2014 को वह दिन आता है और पहलवान की वह हत्या कर देता है। पहलवान की मौत होती है और पूरे इलाके में यह खबर आग की तरह फैल जाती है कि संदीप फौजी ने अपनी बेज्जती का बदला ऐसे लिया है। लेकिन बात कुछ और ही होती है… पूरी कहानी जाने के लिए नीचे वीडियो पर क्लिक करें