गोरखपुर, उत्तर प्रदेश एटीएस और एनआईए की विशेष अदालत लखनऊ के अंदर एक कार्रवाई चल रही थी कटघरे के अंदर कोई और नहीं बल्कि जिला जज रहे उनका पोता खड़ा हुआ था अदालत उससे सवाल कर रही है पहला सवाल, दूसरा सवाल, लगातार सवाल पर सवाल किए जा रहे थे 2002 सवाल किए गए और हर सवाल का एक ही जवाब दिया जा रहा था कि जब यह हुआ है तब मेरी मानसिक स्थिति ठीक नहीं थी कह सकते हैं कि मैं पागल हो गया था पागलपन में ही यह सब कुछ हुआ है सचमुच नहीं हुआ है
अदालत ने पूरा पक्ष सुनने के बाद बाद जब दूसरा पक्ष सुनती है उनसे बातचीत करती है तो एटीएस, एनआईए और पुलिस कहती है कि हमारे पास इसके खिलाफ पर्याप्त सबूत हैं यह इंसान झूठ बोल रहा है इसकी मानसिक स्थिति उस दिन भी ठीक थी आज भी ठीक है कह सकते हैं कि ना उस दिन ठीक थी और ना आज ठीक है
यह सुनने के बाद कोर्ट उसको फांसी की सजा का हुकुम सुना कर कहती है कि इसको समाज में रहने का बिल्कुल भी अधिकार नहीं है क्योंकि जो इसने किया है वह बिल्कुल समाज को शर्मसार कर देने वाला है… पूरी कहानी जाने के लिए नीचे वीडियो पर क्लिक करें