इटावा, उत्तर प्रदेश एक बार इटावा के एसएसपी के बंगले पर कानपुर के डीआईजी साहब पहुंचाते हैं वहां जाने के बाद कप्तान साहब से कहते हैं कि कप्तान साहब उसको जो एसएचओ है उसको बुलवाइए अब एसएचओ साहब आते हैं आने के बाद वह ठीक से खड़े भी नहीं हो पा रहे थे थोड़े लड़खडा रहे थे परेशान से थे तभी डीआईजी साथियों ने डांटते हुए कहा कि तुम्हें मुलायम सिंह यादव से तुम पंगा ले सकते हो तुम लड़ सकते हो इतनी हिम्मत है तुम्हारे अंदर जब यह सब बातें डीआईजी साहब लगातार उस इंस्पेक्टर को डांट रहे थे तो इंस्पेक्टर रोने लगता है अब रोने लगता है तभी कप्तान साहब बराबर में खड़े हुए थे कप्तान साहब ने उस इंस्ट्रक्टर के कंधे पर हाथ रख कर कहा कि तुम्हें रोने की बिल्कुल भी जरूरत नहीं है
कहा की जब तक इस जिले का कप्तान मैं हूं तुम्हारी आंख से एक भी आंसू नहीं आना चाहिए कप्तान साहब जब यह बात कह रहे थे तभी डीआईजी साहब ने कहा कि तुम्हें अंदाजा नहीं है तुम कितनी बड़ी ताकत से लड़ाई लड़ रहे हो कप्तान साहब कहते हैं कि मैंने जो वर्दी पहनी है वो यूँही नहीं पहनी इसका लाज भी रखूँगा और पूरी इमानदारी से अपना काम भी करूंगा
बस इतना कहना था डीआईजी साहब वहां से तुनक मिजाज में चले जाते हैं इसके बाद कप्तान साहब ने उस इंस्ट्रक्टर को लिया और ले जाने के बाद सीदा थाने जाते हैं और f.i.r. दर्ज करा देते हैं f.i.r. किसी और पर नहीं मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव के छोटे भाई शिवपाल यादव समेत कई लोगों पर मुकदमा दर्ज कर लिया जाता है और जैसे ही मुकदमा दर्ज होता है तो कुछ ही दिन के बाद एक आदेश आता है कि कप्तान साहब अब इस जिले को आप अलविदा कह दीजिए कप्तान साहब अलविदा कह देते हैं लेकिन जो मुलायम सिंह यादव से अदावत शुरू होती है उस कप्तान की जब तक वह रिटायर नहीं हो जाते तब तक यह अदावत चलती रहती है…पूरी कहानी जानने के लिए नीचे वीडियो पर क्लिक करें