बुलंदशहर, उत्तर प्रदेश एक मजदूर ने दिनभर मजदूरी की मजदूरी करने के बाद जब शाम को फ्री होता है तो उसके बाद सीधा पंसारी की दुकान पर जाता है पंसारी के पास जाकर खड़ा हो जाता है पंसारी पूछता की क्या बात है तो पूछता है कि सेठ जी आपके पास क्या भुने हुए चने हैं? ताजा चने हैं? बिल्कुल कर्करारे हैं? इस तरह से कई डिमांड उसने एक साथ कर दी सेठ ने देखा देखने की बात कहा कि हां हैं ताजा हैं परेशान क्यों होते हो कितने चाहिए?
वह कहता है कि साहब सिर्फ 250 ग्राम चाहिए असल में मेरी बीवी बीमार है उसकी बीमारी के लिए मुझे कुछ दवाइयां बनानी है दवाई के लिए चने चाहिए जो भी बढ़िया से बढ़िया हो वही दे देना जैसे ही पंसारी ने यह बात सुनी पंसारी ने 250 ग्राम चने लिए और तोलकर उसको दे दिए तो वह उनमें से एक दो उठाता है चेक करता है और लेकर चल देता है साथ में उसे मजदूर का दोस्त भी होता है जैसी मजदूरी उसने की थी वैसे ही उसके दोस्त ने भी मजदूरी की थी
अब ये नहीं जानते थे कि दरअसल जो उन्होंने आज सामान लिया है चने लिए हैं उन चनों में मौत छुपी हुई है एक दो नहीं कई लोगों की मौत छपी है जो जो भी उस चने को खाता था वह मर जाए करता था अब यह बात जब लोगों को तक पहुंचती है इस मामले की जांच पड़ताल होती है तो जांच पड़ताल में ऐसी कोई बात सामने आती ही नहीं है अब यह मौत एक रहस्य बन चुकी है कि आखिरकार एक ही परिवार के इतनेसदस्यों की मौत कैसे हो गई … पूरी कहानी जानने के लिए नीचे वीडियो पर क्लिक करें