अलीगढ़, उत्तर प्रदेश करीब 13 या 14 साल का एक मंदबुद्धि बालक अपनी मां को काफी देर से तलाश कर रहा था कभी इस घर में कभी उस घर में इस तरह से लगातार जा रहा है और आवाज लगा रहा था जब गांव के एकदम किनारे पर पहुंचता है तो रात का अंधेरा था उसने अपनी आंखों से देखा 4 लोगों ने उसकी मां को हाथ और पैरों से पकड़ा हुआ था वह देख रहा है कि उसकी मां के तन पर एक भी कपड़ा नहीं है
बेटा कुछ बोलता नहीं है और उन चारों के पीछे पीछे चल देता है गांव से लगभग 500 मीटर दूर जाने के बाद एक खेत होता है खेत के किनारे पर उस लाश को रखा जाता है और लाश रखने के बाद उनमें से तीन लोग बारी-बारी से गड्ढा खोदना शुरू कर देते हैं वह मंदबुद्धि बालक अपनी आंखों से इस दृश्य को देख रहा था तभी उन चौथा व्यक्ति ने उस लाश के साथ खेलना शुरू कर दिया उसके शरीर के अलग-अलग हिस्सों को छूना शुरु कर दिया और तभी छूते-छूते उसने भी अपने कपड़े उतार कर उस लाश के साथ गंदा और घिनौना कृत्य करना शुरू कर दिया है जब वह चौथा व्यक्ति ऐसे कर रहा है तो यह 3 लोग जो कब्र खोद रहे हैं उन्हें गुस्सा आ जाता है वह कहते हैं कि कितनी देर से पहले तुम कर चुके हो अब फिर से दोबारा यही काम कर रहे हो शर्म नहीं आती।
इसी बात को देखते हुए जो गंदा कृत्य कर रहा है वह व्यक्ति नाराज हो जाता है नाराज होकर कहता है कि जो तुम्हें करना है करो मैं यहां से चला। जैसे ही वह यहां से चलता है आगे जाता है गांव की तरफ रास्ते में देखता है कि उस महिला का बेटा है जो मंदबुद्धि है वह अपनी आंखों से यह सब दृश्य देख रहा था तभी वह चौथा व्यक्ति घबरा जाता है परेशान हो जाता है और दौड़ते हुए वापस पीछे जाता है जाकर अपने साथियों से कहता है कि यह सब जो हम कर रहे हैं या यह सब जो हमने किया है इसका बेटा अपनी आंखों से देख रहा है अब क्या करना है आगे जो होता है उसकी कल्पना किसी ने भी नहीं की थी ना तो उन हत्यारों ने की थी ना ही उस बच्चे ने की थी और ना ही गांव के बाकी लोगों ने की थी… पूरी कहानी जानने के लिए नीचे वीडियो पर क्लिक करें