यदि किसी में सब्र है तो वह सैनिकों में, यदि किसी में सब्र है तो वह सैनिकों के परिवार में। भले ही उनके परिवार का कोई सदस्य शहीद हो जाए उसके बाद भी वह अपने बच्चों को फिर से फौज में भेजने को तैयार हो जाते हैं आज की जो सच्ची घटना हम आपको सुनाने जा रहे हैं इस सच्ची घटना में एक शहीद की बेवा अपील करती है कि आप शांत हो जाइए और उसको शांत कराने के लिए भेजा गया था भारत के प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेई के द्वारा लेकिन जैसे उन्होंने कहा कि मैं शहीद अजय आहूजा की पत्नी हूं और आप लोग शांत रहिए क्योंकि यह दुख की घड़ी है और इस दुख की घड़ी में पूरे हिंदुस्तान के एक-एक व्यक्ति को साथ खड़े होने की जरूरत है।
तब कहीं जाकर पीछे भीड़ में से आवाज आती है तुम खुद तो विधवा हो दूसरों को भी विधवा करना चाहती हो। जब इस आवाज को अधिकारियों ने वहां खड़े मंत्रियों ने सुनी तो उनकी आंख में आंसू आ गए।
आम लोग अगर आज किसी मुसीबत में हैं उनको तसल्ली देने के लिए उनको शांत करने के लिए परिवार रिश्तेदारों की सबसे अहम भूमिका होनी चाहिए और परिवार वाले ही सबसे ज्यादा शोर मचा रहे थे उस वक्त सरकार को झुकना पड़ा और उसके बदले में ऐसा कदम उठाना पड़ा इस कदम की किसी ने भी कल्पना नहीं की थी।
जब इस किस्से को लोग याद करते हैं तो अंदर से रोने जैसी स्थिति पैदा हो जाती है लोग सोचने पर मजबूर हो जाते हैं इतनी जल्दी कर सकता है कि कोई आखिर इतनी जल्दी कैसे टूट सकता है… पूरी कहानी जानने के लिए नीचे वीडियो पर क्लिक करें