इटावा, उत्तर प्रदेश उत्तर प्रदेश का एक जिला है इटावा और इटावा जिले से एक नदी बह रही है जिसका नाम है बेतवा। बेतवा नदी के एक छोर पर एक गांव लगता है मयस्ता और दूसरे छोर पर गांव लगता है रोमई। रोमई गांव के अंदर कुछ लोग जाते हैं और जाने के बाद ठाकुरों को चुनकर उन्हें गोली मारकर हत्या कर देते हैं और जैसे ही हत्या करते हैं बस हत्या करके भाग रहे थे सामने बेतवा नदी है उस बेतवा नदी की नाव पहले से तैयार थी और तैयार नाव में बैठ जाते हैं और जैसी नाव बैठकर पार करते हैं तो सामने गांव आ जाता है मयस्ता, वहां जाकर छुप जाते हैं।
यह सब कुछ एक व्यक्ति गांव का देख रहा था ठाकुर समाज का उस व्यक्ति ने कुछ लोगों को बताया कि इस गांव से कुछ लोग आए थे इसी गांव में वह चले गए यहां तक सिर्फ 3 लोगों की हत्या के बाद जो होता है उसी किसी ने कल्पना नहीं की थी इतना बड़ा नरसंहार होता है उस नरसंहार में इंसानों की मौत हुई थी वह तो सबने देखी लेकिन जानवरों की, पक्षियों की जो मौत हुई थी वह किसी ने नहीं देखी।
बात पहुंचती है उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्रीपति मिश्रा तक, पहुंचती है भारत की प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी तक। उन दोनों ने जब इस हत्याकांड को इस नरसंहार को अंजाम देने वाले व्यक्ति का नाम पूछा तो सामने से आवाज आती है कि व्यक्ति नहीं महिला है उनका है ऐसी महिला जो 20 साल तक उत्तर प्रदेश की पुलिस हो या एसटीएफ हो सबने अपने-अपने तरीके से पकड़ने की कोशिश की लेकिन वह कभी हाथ नहीं आई… पूरी कहानी जानने के लिए नीचे वीडियो पर क्लिक करें