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Society

एक पंचायत में भाई और बहन की कहानी

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दरअसल यह बात सन 2017 की है दो पक्ष थाने जाते हैं और थाने जाने के बाद अपना अपना पक्ष रखते हुए एसएचओ से कहते हैं कि साहब हम दोनों के परिवारों में जो विवाद था उसे हमने अपने स्तर पर ही निपटा लिया है एसएचओ यह बात सुनने के बाद थोड़ा हैरान थे परेशान थे कि आखिरकार इतना बड़ा अपराध हुआ है उस अपराध को इन लोगों ने अपने स्तर पर कैसे निपटा लिया और एसएचओ ने साफ इंकार कर दिया कि जिस मामले में समझौता करने के लिए आप आए हैं हम इस मामले में किसी भी कीमत पर समझौता नहीं कर सकते लेकिन जब दोनों ही पक्ष बैठकर आपस में इस तरह का निपटारा कर रहे थे एसएचओ थोड़े परेशान हो जाते हैं यह देखकर यह सोच कर कि आखिरकार यह समझौता किस मुद्दे पर कर रहे हैं।

फिलहाल के लिए तो उन्होंने अनुमति दे दी की आप जाओ मैं उच्च अधिकारियों से बातचीत करता हूं उसके बाद ही इस मामले में जो समझौता तुम लोग कर रहे हो बाद में देखा जाएगा और दोनों पक्ष दोनों परिवार अपने अपने घर आते हैं लेकिन एसएचओ शांत नहीं बैठते। उन्होंने अपने स्तर से इस मामले की जांच पड़ताल कराई और जांच पड़ताल करने के बाद जो बात सामने निकल कर आई उसको सुनने के बाद एसएचओ की आंखों में आंसू आ जाते हैं वह रोने पर मजबूर था परेशान था कि आखिरकार यह दो परिवार दो पक्ष ऐसा कैसे कर सकते हैं।

तुरंत उन्होंने अपने कुछ अधिकारियों को सूचना दी बात देश के जो सीबीआई चीफ जस्टिस होते हैं वहां तक पहुंचती है अखबार और सोशल मीडिया के माध्यम से यह बात अब उस देश में नहीं थी बल्कि पूरी दुनिया में फैल जाती है शायद ही दुनिया का कोई ऐसा अखबार होगा जिस अखबार ने इस घटना को अपने अखबार में अपने टेलीविजन पर इसे कवरेज नहीं दिया होगा क्योंकि यह घटना अपने आप में एक ऐसी अकल्पनिय घटना थी जिसकी कोई शायद कल्पना नहीं कर सकता… पूरी कहानी जानने के लिए नीचे वीडियो पर क्लिक करें

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