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Crime

आफताब को सही बताने वाला राशिद निकला विकास| Aftab and Shraddha Walker Case

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नई दिल्ली

कक्षा 11 में पढ़ने वाला एक लड़का जो कि दिल्ली के पास ग्रेटर नोएडा में रहता है अभी 15 नवंबर 2022 तक उसके पास कमरा था लेकिन जिस कमरे में रहता था जिस मकान में रहता था वह मकान अचानक से बिक जाता है उसके साथी नए कमरे की तलाश में जुट जाते हैं वह कई जगह जाकर कमरा लेते हैं कहते हैं कि हमें किराए पर रहना है कमरे मिल तो जाते हैं रहने के लिए लेकिन मकान मालिक उनसे उनका नाम उनका आधार कार्ड मांगते हैं तो नाम देखकर आधार कार्ड देख कर कहीं ना कहीं वह बेचैन हो उठते हैं।

उनकी शक्ल में तो कोई दिक्कत नहीं थी लेकिन नाम देखकर वह लगता है जैसे कि यह कोई और नहीं बल्कि श्रद्धा का कातिल आफताब पुणेवाला हो। इसी तरह से लगातार 10 दिन से ज्यादा का समय बीत जाता है लेकिन उस लड़के को कमरा नहीं मिलता। लड़का मुस्लिम है उसके जैसे इस हिंदुस्तान के अंदर कितने लड़के ऐसे हैं जो पढ़ना चाहते हैं आगे बढ़ना चाहते हैं एक लड़का कत्ल करता है श्रद्धा के कई टुकड़े कर देता है और ना जाने कितने लड़कों को अपनी ईमानदारी का सबूत जगह-जगह देना पड़ता है कितने ही लोग बेवजह पिस रहे हैं परेशान हो रहे हैं और इससे भी बड़ी परेशानी तब होती है जब मीडिया का कोई व्यक्ति किसी से सवाल पूछता है और वह अपना असली नाम छुपा कर कोई और नाम लेता है। तो यह आग में घी जैसा काम कर देता है।

आज की कहानी उसी लड़के पर है जिस का असली नाम तो कुछ और होता है लेकिन वह बताता कुछ और है जिस तरह से लोग आफताब पुणेवाला के लिए फांसी की मांग करते हैं ठीक वैसे ही उस व्यक्ति की मानसिकता उसकी सोच के खिलाफ आवाज बुलंद होती है पुलिस ने कोशिश की जाती है कम से कम समय में इस को ढूंढ कर इस को फांसी की सजा से कम नहीं मिलनी चाहिए लेकिन जैसे ही उसका असली नाम सामने आता है लोग एकदम शांत हो जाते हैं कुछ बोलने की स्थिति में नहीं रह पाते… पूरी कहानी जानने के लिए नीचे वीडियो पर क्लिक करें

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